उत्तर प्रदेश के कानपुर चकेरी में बसपा नेता नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू की दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई. वारदात के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है|
कानपुर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर चकेरी में बसपा नेता नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू की दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई. वारदात के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बसपा नेता नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सेंगर जाजमऊ स्थित केडीए आशियाना कॉलोनी के पास शनिवार की दोपहर पूर्व सपा जिलाध्यक्ष चंद्रेश सिंह के घर के बाहर अपनी इनोवा कार से उतरे और फोन से बात करने लगे. तभी दो बाइक से चार युवक पहुंचे और उन पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी गई. गोली लगने से लहूलुहान पिंटू जमीन पर गिर पड़ा.
इस बीच हमलावर फरार हो गए. वहीं कई राउंड फायरिंग होने से इलाके में दहशत फैल गई. पुलिस ने मौके से नाइन एमएम पिस्टल के 11 खोखे बरामद किए हैं. साथ ही एक कारतूस भी मिला है.
घटना की सूचना पाकर मौके पर एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु, एसपी पूर्वी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुट गई है.
तीन साल पूर्व प्रापर्टी विवाद में पिंटू सेंगर पर हुआ था हमला
जनवरी 2017 में पिंटू सेंगर पर जानलेवा हमला प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर हुआ था.भूमाफिया सऊद अख्तर और उसके साथी सफेदपोश कारोबारी पप्पू स्मार्ट ने शूटर गैंग को उसकी हत्या की सुपारी दी थी. पुलिस के मुताबिक पिंटू सेंगर पर जानलेवा हमला कराने वाला सफेदपोश कारोबारी पप्पू स्मार्ट पहले उसका करीबी दोस्त था. पिंटू, पप्पू स्मार्ट और सउद विवादित प्रॉपर्टी का काम करते हैं.
पहले स्मार्ट की सऊद से दुश्मनी चलती थी. स्मार्ट कोई विवादित प्रॉपर्टी खरीदता था तो सऊद उस पर टांग अड़ा देता था. जिसे देख स्मार्ट ने पिंटू से हाथ मिला लिया था पिंटू के भी दबंग और तत्कालीन सत्ता पक्ष में अच्छी पकड़ रखने से सऊद ने स्मार्ट के मामलों में दखल देना बंद कर दिया. इसके बाद पिंटू और स्मार्ट की दोस्ती हो गई.
पार्टी हो या कोई मीटिंग, हर जगह दोनों को साथ ही देखा जाता था. यहां तक पिंटू शाम को स्मार्ट की दुकान में ही बैठता था. करीब 4 साल पहले ही स्मार्ट ने पिंटू से किनारा कर सऊद से हाथ मिला लिया था.
नए प्रोजेक्ट ने दोस्ती में डाली थी दरार
पिंटू सेंगर के दस्यु सुंदरी फूलनदेवी से अच्छे संबंध थे. फूलनदेवी पिंटू को भाई मानती थी. जब फूलन सांसद हुई, उस दौरान पिंटू ने स्मार्ट के साथ विवादित जमीन का काम किया था. इसके बाद दोनों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. दोनों एक के बाद एक विवादित जमीन पर हाथ डालते रहे. साथ ही उन लोगों ने प्लाटिंग करके भी मोटी कमाई की थी.
स्मार्ट ने एक विवादित प्रॉपर्टी खरीदी थी, जिसमें पिंटू का भी पैसा लगा था. इसमें सऊद अड़ंगा डाले था. जिसे देख स्मार्ट ने विवाद को खत्म कराने के लिए पिंटू को डबल क्रॉस कर सऊद से हाथ मिला लिया. इसके बाद स्मार्ट ने विवाद खत्म कर प्रॉपर्टी को बेच दिया. इसमें पिंटू को हिस्सा नहीं मिला. जिसे लेकर दोनों में रंजिश पैदा हो गई.
चांद में जमीन बुक कर चर्चा में आया था पिंटू
हमले में घायल हुए पिंटू का विवादों से पुराना नाता है. पहले दस्यु सुंदरी फूलनदेवी से करीबी संबंध होने से वो चर्चा में रहता था, लेकिन जब फूलन की मौत हो गई तो वो कुछ दिनों तक शांत रहा. इसके बाद उसने बसपा ज्वाइन कर ली. कुछ सालों पहले वो उस समय दोबारा चर्चा में आया. जब उसने बसपा सुप्रीमो के नाम पर चांद में जमीन बुक करा दी थी. जिस पर नाराज होकर बसपा सुप्रीमो ने उसे पार्टी से निकाल दिया था. वर्ष 2007 में पिंटू ने कैंट सीट से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था.
डी-2 गैंग के लिए वसूली करता था सऊ
पूर्व बसपा नेता के 2017 में हुए हमले में उस समय सऊद अख्तर का नाम आया था. सूत्रों के मुताबिक सऊद डी-2 गैंग के सरगना रफीक का खास गुर्गा था. वो रफीक के लिए टेनरी में वसूली करता था. रफीक का हाथ होने से उसने जाजमऊ में तगड़ी पैठ बना ली. रफीक के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद वो कुछ दिनों तक शांत रहा और फिर उसने विवादित प्रॉपर्टी के बिजनेस में हाथ डाल दिया.