कुछ दिन पूर्व सोशल मीडिया पर थ्री स्टार वाली मैडम के खिलाफ भ्रामक खबरें चलाई गई की वह दर्जी से वसूली करती हैं। जिस संदर्भ में कप्तान ने जांच बैठाई।
चंदौली। कुछ दिन पूर्व सोशल मीडिया पर थ्री स्टार वाली मैडम के खिलाफ भ्रामक खबरें चलाई गई की वह दर्जी से वसूली करती हैं। जिस संदर्भ में कप्तान ने जांच बैठाई। जांच अनुभवी क्षेत्राधिकारी सदर रामवीर सिंह को सौंपी गई ।
रामवीर सिंह ने उक्त प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू किया ।जांच उपरांत उन्होंने पाया कि 3 स्टार वाली मैडम के ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद है। हालांकि इसमें मानवीय भूल सामने आई है। जिस पर तीन स्टार वाले मैडम को चेतावनी दी गई है। इस संदर्भ में क्षेत्राधिकारी सदर रामवीर सिंह ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच हमने गंभीरता पूर्वक किया है और आरोप निराधार व बेबुनियाद साबित हुए हैं ।
इस संदर्भ में दर्जी ने भी कबूला की जिस पैसे की बात किया जा रहा था, वह अगले दिन उसके दुकान में गिरा मिला था ।बताते चलें कि कोविड-19 में जहां एक तरफ पूरा देश घरों में कैद हो गया था। वहीं दूसरी तरफ पुलिस अपने सक्रियता से जनता को तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही थी।
इसी कड़ी में 3 स्टार वाली इंस्पेक्टर मैडम ने गरीब जनता को खुद के खर्चे से राशन उनके घर भिजवा रही थी। न सिर्फ राशन बल्कि दवाइयां/ऑक्ससीजन भि मुहैया करा रही थी।यह वह दौर था जब अपने भी भी बीमार होने पर उक्त व्यक्ति को पहचाने से इनकार कर दे रहे थे।
लेकिन पुलिस(3 स्टार वाली इंस्पेक्टर) चट्टान की तरह डटी रही और लोगों की हर संभव मदद की। अपने फेयर पुलिसिंग के लिए 3 स्टार वाली इंस्पेक्टर को कप्तान के अलावा कई सामाजिक संस्थाओं ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। इनका अभी तक कैरियर बेदाग रहा है। जिनका उस समय पोस्टिंग वाराणसी में था ।
बता दें , कि पिछले लगभग 15 महीना से पूरे ईमानदारी और मेहनत से थाना क्षेत्र के जनता के हर समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर कर रही हैं यह इंस्पेक्टर। जनपद चंदौली में इनकी गिनती तेजतर्रार इंस्पेक्टर में किया जाता है।बता दे कि इससे पूर्व ये 3 स्टार वाली इंस्पेक्टर ने वाराणसी में अपने सफल सेवाएं दी हैं ।जो वर्तमान में प्रभारी निरीक्षक महिला थाना चंदौली हैं। कुछ दिन पूर्व कुछ कथित लोगों के द्वारा सोशल मीडिया के जरिए इन को बदनाम करने की साजिश रची गई।
साजिश के तहत उक्त वीडियो में एक दुकानदार(कपड़ा सिलने वाला दर्जी) के द्वारा पैसे के लेनदेन को दिखाया गया। जिसमें उक्त व्यक्ति के द्वारा यह बताया गया कि इंस्पेक्टर ने उनसे पैसे की डिमांड की या पैसे लिया। जिसका धरातल स्तर पर वास्तविकता कुछ और है । ईमानदार इंस्पेक्टर के प्रतिष्ठा को धूमिल करने की सोची समझी साजिश है यह वीडियो।
सोचने वाली बात यह है कि जो महिला इंस्पेक्टर पूरे कोविड-19 के समय गरीबों के घर खुद के खर्च से राशन भेजवाया करती थी। जिनको जनता न्याय प्रिय इंस्पेक्टर के रूप में जानती और पहचानती है। उनके ऊपर इस तरह से अनर्गल आरोप किस हद तक जायज है । क्या इस पूरे घटनाक्रम में बदनाम करने के नियत से समाचार चलाने वाले को ऊपर नकेल कसा जाएगा।